UG Semester 1 MJC Hindi Syllabus: All the universities of Bihar are running a 4-year graduation, Choice Based Credit System (CBCS) or in common language it can also be called semester system which is being run under NEP 2020. Lalit Narayan Mithila University (LNMU) Darbhanga, Patna University, Purnia University, Magadh University, Patliputra University, Bhagalpur University,VKSU Ara, BRABU Muzaffarpur, etc. 1st semester examination is being conducted on time in many universities and in many it is also late. The question paper pattern and syllabus of Major Course (MJC) subject is same for all.
CBCS Graduation 1st Semester will have Major (MJC), Minor (MIC), MJC. AEC, SEC, VAC papers. In this article, you will find the syllabus of MJC-1 Hindi: Hindi Sahitya ka Itihas. Sometimes Major Subject is also Written/Searched as Honours.
"बिहार के सभी विश्वविद्यालय 4 वर्षीय स्नातक, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS) या आम भाषा में इसे सेमेस्टर सिस्टम भी कह सकते हैं, चला रहे हैं जो NEP 2020 के तहत चलाया जा रहा है। मेजर कोर्स (MJC) विषय का प्रश्नपत्र पैटर्न और पाठ्यक्रम सभी के लिए समान है। इस लेख में, आपको MJC-1 हिंदी का पाठ्यक्रम मिलेगा: हिंदी साहित्य का इतिहास। कभी-कभी मेजर विषय को ऑनर्स के रूप में भी लिखा/खोजा जाता है। बीए प्रथम सेमेस्टर हिंदी मेजर विषय का पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है।"
In this Article you will get the following syllabus :
- Semester 1: Major Course (MJC) -1 Hindi Syllabus (हिन्दी साहित्य का इतिहास: आदिकाल से रीतिकाल तक)
UG Syllabus Semester-I Major Course (MJC)- Hindi
MJC-1 Paper name: हिन्दी साहित्य का इतिहास: आदिकाल से रीतिकाल तक
- हिंदी साहित्येतिहास दृष्टि : इतिहास और साहित्य का इतिहास ; काल विभाजन एवं नामकरण संबंधी समस्याएँ
- आदिकालीन साहित्य: नामकरण और काल- निर्धारण
- आदिकालीन साहित्य की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक पृष्भूमि
- आदिकालीन काव्य के विभिन्न रूपों का समीक्षात्मक परिचय सिद्ध-जैन काव्य, रासो काव्य, लौकिक काव्य एवं अन्य काव्य ; आदिकालीन काव्य की महत्वपर्ण विशेषताएं एवं प्रृत्तियां
- भक्तिकालीन साहित्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- भक्तिकालीन काव्य के दार्शनिक एवं सामाजिक आधार
- हिन्दी भक्तिकालीन काव्य : अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य
- भक्तिकालीन काव्य की प्रमुख धाराएं और प्रवृत्तियाँ : उनके आपसी संबंध और वैशिष्ट्य
- रीतिकालीन काव्य : ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, नामकरण एवं काल- निर्धारण
- रीतिकालीन काव्य की प्रमुख धाराएँ और उसके महत्वपूर्ण कवि
- रीतिकालीन काव्य की भाषिक-साहित्यिक विशेषताएं और प्रवृतियाँ
- आदिकालीन एखवं मध्यकालीन साहित्य का समग्र मूल्यांकन कल योंग
- 1.हिंदी साहित्य का इतिहास : आचार्य रामचंद्रशुक्ल, नागरी प्रचारिणी संभा, काशी
- 2. हिंदी साहित्य की भूमिका : आचार्य हजारीप्रसाद ब्विवेदी, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
- 3. हिंदी साहित्य का आदिकाल :आचार्य हजारीप्रसाद द्विविदी, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना
- 4. हिंदी साहित्य का इतिहास :लक्ष्मीसागर वार्णेय, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद
- $. हिंदी साहित्य का इतिहास : संपादक डॉ नगेंड्, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली
- 6. हिंदी साहित्य का इतिहास दर्शन : नलिनविलोचन शर्मा, बिहार राष्ट्राषा परिषद, पटना
- 7. साहित्य की इतिहास दृष्टि : मैनेजर पांडेय, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली
- 8. हिन्दी साहित्य संवेदना का विकास : रामस्वरप चहतु्वेदी
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